Light | Introductions | Definitions | Characteristics | Refractions of Light-प्रकाश
प्रकाश
(Light)
प्रकाश उर्जा का एक रूप है जिसकी सहायता से हमें वस्तुएँ दिखाई देती हैं | विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक एवं कृत्रिम स्रोत प्रकाश उत्पन्न करते हैं |प्रकाश हमारें आँखों को संवेदित करता है जिसकी सहायता से वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई देती है |
प्रकाश एक प्रकार
की विकिरण – ऊर्जा है जो विद्दुतचुम्बकीय तरंगों
के रूप में चलता है जिसकी तरंगदैर्घ्य 3900Å - 7800Å
[1 Å
(ऐंग्स्ट्रॉम) =10-10 m]तक होती है | निर्वात में प्रकाश की चाल 3 × 108
m/s होती है , जबकि पदार्थिक माध्यमों में इससे कुछ कम होती है |
प्रदीप्त
व अप्रदीप्त वस्तुएँ
(Luminous and Non-liminous Bodies)
वे वस्तुएँ जो स्वयं प्रकाश उत्पन्न करती है , प्रदीप्त वस्तुएँ कहलाती हैं |
जैसे – सूर्य ,
तारें , वैद्दुत बल्ब , मोमबत्ती आदि |
वे वस्तुएँ जो स्वयं प्रकाश उत्पन्न नहीं करती है , अप्रदीप्त वस्तुएँ कहलाती हैं |
जैसे – मेज , कुर्सी , दीवारें , चन्द्रमा आदि
|
प्रकाश के गुण (Properties of Light)
प्रकाश
का परावर्तन
(Reflection of Light)
जब प्रकाश किसी पॉलिशदार व चिकने तल पर गिरता (आपतित) होता है तो उसका
अधिकांश भाग वापस लौट जाता है | प्रकाश के चिकने तल
से टकराकर लौटने की इस प्रक्रिया को प्रकाश का ‘परावर्तन’
कहते हैं |
चित्र में प्रकाश की एक किरण AB एक समतल दर्पण M1 M2 पर गिरती है | यह दर्पण से परावर्तित होकर उसी माध्यम में एक निश्चित दिशा BC में चली जाती है | प्रकाश जिस तल से परावर्तित होती है , उस तल को ‘परावर्तक तल’ कहते हैं |
दर्पण पर गिरने वाली किरण AB को ‘आपतित किरण’(Incident Ray) कहते हैं तथा दर्पण से टकराने के पश्चात लौटने वाली किरण BC को ‘परावर्तित किरण’(Reflected Ray)कहते हैं | आपतित किरण दर्पण के जिस बिन्दु B पर गिरती है उसे ‘आपतन बिन्दु’(Point of Incident)कहते हैं |
आपतन बिन्दु B से दर्पण के लम्बरूप रेखा BN ‘अभिलम्ब’ (Normal)कहलाता है |
आपतित किरण व अभिलम्ब के बीच बने कोण ∠ABN को ‘आपतन कोण’(Angle of Incidence) तथा परावर्तित किरण व अभिलम्ब के बीच बने कोण ∠CBN को ‘परावर्तन कोण’(Angle of Reflection) कहते हैं |
परावर्तन
के नियम
(Laws of Reflection)
किसी परावर्तक तल से प्रकाश का परावर्तन निम्न दो नियमों के अनुसार होता है –
प्रथम नियम – आपतित किरण , आपतन बिन्दु पर अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण तीनों एक ही तल में होते हैं |
द्वितीय नियम – परावर्तन कोण r , सदैव आपतन कोण i के बराबर होता है | अर्थात्
परावर्तन
कोण ∠r = आपतन कोण ∠i
प्रतिबिम्ब (Image)
जब हम दर्पण के सामने किसी वस्तु को देखते हैं तो दर्पण में उस वस्तु की आकृति बन जाती है जिसे वस्तु का प्रतिबिम्ब कहते हैं |स्वयं वस्तु को बिम्ब कहते हैं |
“ यदि प्रकाश की किरणें वस्तु के किसी बिन्दु से चलकर परावर्तन के पश्चात किसी दुसरे बिन्दु पर जाकर मिलती हैं , अथवा किसी दुसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती है , तो इस दुसरे बिन्दु को पहले बिन्दु का प्रतिबिम्ब कहते हैं |”
प्रतिबिम्ब दो
प्रकार के होते हैं – 1.वास्तविक व 2.आभासी
प्रतिबिम्ब
1. वास्तविक प्रतिबिम्ब (Real Image)-
यदि किसी बिन्दु वस्तु से चलने वाली किरणें परावर्तन के पश्चात् किसी बिन्दु पर वास्तव में मिलती हैं ,तो इस बिन्दु को बिन्दु – वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब कहते हैं | इस प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त किया जा सकता है |
2. आभासी प्रतिबिम्ब (Virtual Image) -
यदि किसी बिन्दु वस्तु से चलने वाली किरणें परावर्तन के पश्चात् किसी दुसरे बिन्दु से आती हुई प्रतीत होती हैं , तो इस बिन्दु को बिन्दु – वस्तु का आभासी प्रतिबिम्ब कहते हैं | इस प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त नहीं किया जा सकता है | केवल इसका फोटो लिया जा सकता है |
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