अदिश एवं सदिश राशियाँ
अदिश एवं सदिश राशियाँ (Scalar and Vector Quantity)-
अदिश राशियाँ (Scalar Quantity or Scalars) –
“वे भौतिक राशियाँ जिनका केवल परिमाण होता है ,दिशा नहीं ,अदिश राशियाँ कहलाती हैं |” या
सदिश राशियाँ (Vector Quantity or Vectors) –
सदिश राशियों के उदहारण – स्थिति , विस्थापन , वेग , त्वरण , बल , भार , संवेग , आवेग , वैद्दुत – क्षेत्र , चुम्बकीय - बल क्षेत्र , धारा - घनत्व इत्यादि |
किसी भी सदिश राशि को पूरी तरह व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ – साथ दिशा का भी उल्लेख करना आवश्यक होता है | उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति को अपने कॉलेज की ‘स्थिति’ के बारे में बताना हो तो केवल यह कहना उचित नहीं है कि हमारा कॉलेज घर से 2 km पर है क्योंकि वह व्यक्ति इस बात से हमारे कॉलेज तक नहीं पहुँच सकेगा | परन्तु यदि हम यह कहें कि हमारा कॉलेज घर से 2 km दक्षिण दिशा में स्थित है | इससे वह व्यक्ति हमारे कॉलेज की स्थिति को समझ सकेगा |
Note – यदि कोई भौतिक राशि सदिश है तो उसमें दिशा का होना अनिवार्य है , परन्तु यदि किसी भौतिक राशि में दिशा है तो उसका सदिश होना अनिवार्य नहीं है अर्थात् वह राशि अदिश भी हो सकती है | उदाहरण – वैद्दुत – धारा में परिमाण व दिशा दोनों है , फिर भी वह अदिश राशि है |
सदिश राशियों का निरूपण (Representation or Notation of Vector Quantities) –
साधारणतः
किसी भी भौतिक सदिश राशि को ब्लैक बोर्ड या पेपर पर उस राशि के प्रतीक को तिरछे अक्षरों में या
प्रतीक के ऊपर एक बाण (
) के द्वारा
निरुपित किया जाता है | प्रिन्टिंग में सदिश राशियों को मोटे अक्षरों (Bold
Letter) में लिखा जाता है |
उदाहरण
– यदि कोई सदिश राशि जिसका परिमाण A है , तो उस राशि को
लिखेंगे तथा इसे वेक्टर A या सदिश A
पढेंगे |
सदिश राशियों का ग्राफीय निरूपण (Graphical Representation of a Vector) –
सदिश राशियों का ग्राफीय
निरूपण एक तीर के द्वारा स्केल के समान्तर दिशा में किया जाता है | तीर की लम्बाई
उस सदिश राशि के परिमाण (Magnitude) को तथा नोंक उस राशि के दिशा (Direction) को
बताता है |

यह
चित्र किसी सदिश राशि
को ग्राफीय रूप में प्रदर्शित करता है जिसमें
सदिश
, X–Yअक्ष के समान्तर है तथा वह X- अक्ष के साथ ө
कोण बना रहा है |
सदिशों के प्रकार या विभिन्न प्रकार के वेक्टर (Types of Vectors or Different Types of Vectors) –
1. समान वेक्टर (Equal Vectors) –

3 . एकांक वेक्टर (Unit Vectors) –
से प्रदर्शित करते
हैं | अतः
= एकांक वेक्टर एक मात्रकहीन व विमाहीन वेक्टर है जो केवल दिशा को प्रदर्शित करता है |
4 . लम्बकोणीय एकांक वेक्टर(Orthogonal Unit Vectors) –
लम्बकोणीय
अक्षों X – अक्ष , Y – अक्ष तथा Z – अक्ष के अनुदिश एकांक वेक्टरों को क्रमशः
,
तथा
से निरुपित किया जाता है | यहाँ X ,Y एवं Z –
अक्ष तीनों एक दुसरे के लम्बवत है जिसे चित्र
में दिखाया गया है–
“वह
वेक्टर जिसका परिमाण (Magnitude) शून्य हो
, शून्य वेक्टर कहलाता है |” इसे
से प्रदर्शित करते हैं | शून्य वेक्टर के
प्रारम्भिक बिंदु तथा अंतिम बिंदु संपाती होते है |अतः इसकी दिशा अनिश्चित होती है
|
यदि
दो वेक्टर
व
समान वेक्टर (
=
)हों ,तो –
- परिमित वेक्टर
तथा शून्य वेक्टर
का योग परिमित वेक्टर के तुल्य होता है :
- शून्य वेक्टर की परिमित संख्या n से गुणा शून्य वेक्टर के बराबर होती है :
- परिमित वेक्टर
की शून्य से गुणा
शून्य वेक्टर के तुल्य होती है :
उदाहरण – निर्देशांक तंत्र में मूलबिंदु का स्थिति वेक्टर शून्य वेक्टर है | यदि कोई वस्तु स्थिर है तो एक परिमित समय में इसका विस्थापन शून्य वेक्टर है |
6 . सह – प्रारंभिक वेक्टर (Co- initial Vector) –


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