Vector Addition Parallelogram Method
(b). वेक्टरों की समान्तर – चतुर्भुज विधि (Method of Parallelogram of Vectors) –
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Parallelogram Method |
इस नियमानुसार , दो वेक्टरों व
का योग उस समान्तर चतुर्भुज के
विकर्ण वेक्टर
से
निरुपित होता है जिसकी दो संलग्न भुजाएं वेक्टरों
व
को व्यक्त करती है | दो वेक्टरों
के योग का परिमाण उन वेक्टरों के बीच के कोण पर निर्भर करता है (चित्र)|
दो वेक्टरों तथा
के परिमाण स्थिर रखते हुए उनके
मध्य का कोण भिन्न –भिन्न कर जोड़ा गया है |
चित्र से यह स्पष्ट है कि तथा
का योग-वेक्टर
अधिकतमतब है जब वे परस्पर समान्तर हैं अर्थात उनके मध्य का कोण 00 है (चित्र(i))
और परिणामी वेक्टर
का
परिमाण A+B होगा | जब वेक्टरों
व
के बीच का कोण 1800 है
तब परिणामी वेक्टर
का
परिमाण न्यूनतम है (चित्र (iv)) तथा परिमाण A – B
अथवा B – A (क्रमशः यदि
या
बड़ा है तो) होगा
एवं अन्य कोण के लिए इसका मान इन्ही के बीच का होगा |
अतः हम कह सकते हैं कि “ विभिन्न परिमाणों वाले वेक्टरों को इस प्रकार नहीं जोड़ा जा सकता है कि उनका परिणामी शून्य हो जाए |”
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